वक्त ने बदला है, आज फिर करवट
वो भी थक गई है शायद आज
चलो सुनाते है आज तुम्हे तुम्हारे ही कुछ किस्से आज
वही तुम्हारी हँसी और वही आवाज
वो तुम्हारा वक्त भी बहुत हँसी था
लेकिन तब तुम्हे भी इसका यकीन कहा था
हर जगह बस मेले ही मेले थे या कहे
दिलो की मासूमियत के ही रेले थे
हर सुबह की रौशनी एक मुस्कान दे जाती थी,
और रात के अंधेरे में सारी थकान ले जाती थी !
हर दिन हर पल के गुजरने का एहसास हुआ करता था !
तब बस प्यार ही हमारे दिल का मेहमान हुआ करता था
वक्त को भी थी जल्दी नही जाने की
उसे भी दो पल और ठहरने का एहसान चाहिए होता था
दिलो पर दस्तक एक मुस्कान ही जाती थी
और दरवाजा खोल दो तो पुरी खुशिया ही भर जाती थी
आंसुओ को भी, उनकी जगह ना मिलने का दर्द हुआ करता था
मुस्कुराहट जो उनकी जगह पाव पसार जाया करती थी
तब सुख और दुख का भी एक समझौता हुआ करता था
खुशी के साथ आँसू और दुख के बाद खुशी का तोहफा हुआ करता था
वो वक्त भी बहुत हसीं था.......
जब इंसान, इंसान को इंसान ही समझता था !
Written By – My Best Friend
Ati sunder
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